हाटकेश्वरस्तोत्रम्
ॐ नमोऽस्तु शर्व! शम्भो! त्रिनेत्र! चारुगात्र! त्रैलोक्यनाथ!
उमापते! दक्षयज्ञविध्वंसक! कामाङ्गनाशन! घोरपापप्रणाशन!
महापुरुष! महोग्रमूर्ते! सर्वसत्त्वक्षयङ्कर! शुभङ्कर!
महश्वर! त्रिशूलधर! स्मरारे! गुहाधामन्! दिग्वासः!
महाशङ्खशेखर! जटाधर! कपालमालाविभूषितशरीर!
वामचक्षुक्षुभितदेव! प्रजाद्ध्यक्ष! भगाक्ष्णोः क्षयकर!
भीमसेनानाथ! पशुपते! कामाङ्गदाहिन्! चत्वरवासिन्! शिव!
महादेव! ईशान! शङ्कर! भीम! भव! वृषद्ध्वज!
कटभप्रौढमहानाट्येश्वर! भूतिरत! अविमुक्तक रुद्र! रुद्रेश्वर!
स्थाणो! एकलिङ्ग! काळिन्दीप्रिय! श्रीकण्ठ! नीलकण्ठ! अपराजित!
रिपुभयङ्कर! सन्तोषपते! वामदेव! अघोर! तत्पुरुष! महाघोर!
अघोरमूर्ते! शान्त! सरस्वतीकान्त! सहस्रमूर्ते! महोद्भव! विभो!
कालाग्ने! रुद्र! रौद्र! हर! महीधरप्रिय! सर्वतीर्थाधिवास!
हंस! कामेश्वर! केदाराधिपते! परिपूर्ण! मुचुकुन्द! मधुनिवास!
कृपाणपाणे! भयङ्कर! विद्याराज! सोमराज! कामराज! महीधरराज!
कन्याहृदब्जवस्ते! समुद्रशायिन्! गयामुख! गोकर्ण! ब्रह्मयोने!
सहस्रवक्त्राक्षिचरण! हाटकेश्वर! नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमः ॥
इति श्रीवामनपुराणे हाटकेश्वरस्तोत्रं सम्पूर्णम्।
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