संस्कृत बहुलभाषा पदनिबद्धानि गीतानि
भारतभूमि-वर्णनं
अयि भुवन मनो मोहिनी
अयि निर्मल सूर्य करोज्ज्वल धरणी
जनक जननी - जननी ।
नील - सिन्धु - जल - धौत - चरणतल
अनिल - विकम्पित - श्यामल अञ्चल ।
अम्बर - चुम्बित - भाल - हिमाचल
शुभ्र - तुषार - किरीटिनी । अयि भुवन० । १
प्रथम प्रभात उदय तव गगने
प्रथम सामरव तव तपोवने ।
प्रथम प्रचारिल तव वनभवने
ज्ञान धर्म कत काव्य काहिनी । अयि भुवन० । २
चिर कल्याणमयी तुमि धन्य
देश - विदेशे वितरिछ अन्न ।
जाह्नवि यमुना विगलित करुणा-
पुण्य पीयूष स्तन्य वाहिनी । अयि भुवन० । ३
-श्री कवीन्द्र रवीन्द्रनाथ ठाकुर महोदयानां
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