भारतभूमिवन्दना
वन्दौं श्री भरत-भूमि
सर्व-सेव्य माता ! ॥
चन्दन-सम ताप-हरणि
शस्य-पूर्ण, श्याम-वरणि
विपुल सुजल सुफल धरणि
धवलसुयशख्याता ॥ वन्दौं०॥
हिमगिरिवर तुङ्गशृङ्ग
किरिट मुकुट उत्तमाङ्ग
युगलबाहु कच्छ वङ्ग
अभयवरप्रदाता ॥ वन्दौं०॥
सिन्धुब्रह्मपुत्र देश
लहरे युग ओर केश
बदरीवन बन सुवेश
मदन लखि लजाता ॥ वन्दौं०॥
मध्य देश, मद्र देश
विन्ध्या कटिपट सुवेश
उदर वर विदर्भ देश
विमल बुद्धिदाता ॥ वन्दौं०॥
सह्यमलय पादपद्म
सिन्धुपूजित चरणयुग्म
विनत विश्वमति अनन्य
अखिल जगतमाता ॥ वन्दौं०॥
-वयं पञ्चाधिकं शतं
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